Tuesday, August 11, 2009


Marwari In Jharkhand

Agrasen Maharaj Ki Jai....
ya community wa sab marwari loga ke vaste hai jo marwari to hai par kisi karan su marwari koni sikh paya ya bake ghar mai hi marwari koni boli jave, e community ne wa sab log bhi join kare jo dusra ne marwari sikhne mai help karno chahe hai..
Marwari's Of Jharkhand Plz join this community.... Jahan n jai Balgadi Whan jai Marwari... plz join ker le emh......
राजस्थानी भासा सूं म्हनै ठेठ सूं ईं मोह रह्यौ है. म्हारी आप सब सूं विणती है कै, मायड़ भासा घणी-सूं-घणी वापरौ. इणनै लिखण अर बोलण मांय लेवौ. आपणी भासा नै छोड़ दूजी भासा नै अपणाय क्यूं आपणौ मांन घमावौ.
It is a voluntary youth organization, membership of which is open to all persons in the age bracket of 18 to 40 and having adopted the life style, language and culture of Rajasthan,

Plz Join This Community--
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Sunday, August 9, 2009



मैं मारवाडी हूँ !!!

श्री भवंत अग्रवाल और श्री राजेश जैन ने एक बड़ा ही महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया है, वास्तव में हमारी उम्र के युवाओं में इस प्रकार की भ्रांतियां हुई हैं, जिनका समाधान आवश्यक है. मैं स्वयं भी भ्रम की स्थिति में था की मै तो शेखावाटी (राजस्थान) का हूँ और महाराजा अग्रशेन जी का वंशज हूँ, इस नाते अग्रवाल हूँ और राजस्थानी हूँ पर मारवाडी....? आखिर जानकारियां इकट्ठी करने की कोशिश की और जो पाया उसे यहाँ आपसे बाँटना चाहता हूँ;

हमारे पूर्वज बेहतर जीवन और रोजगार की तलाश की में शताब्दियों पूर्व राजस्थान, हरियाणा से निकल कर देश-विदेश में स्थानांतरित हुए, इनमे सबसे पहले निकलने वाले मारवाड़ (राजस्थान का एक क्षेत्र) के लोग थे, जो अपनी कर्मठता, कार्य और व्यवहार कुशलता, विपरीत परिस्थियों में भी सामान्य जीवन यापन की कला और गजब की व्यापारिक निति एवं विश्वसनीयता के कारण काफी प्रचलित हुए. इनकी वेश-भूषा, भाषा और खान - पान भी विशेष आकर्षण का केन्द्र होते थे. इनका एक और विशेष गुण ये था की ये जहाँ भी ये रहते थे वहाँ के स्थानीय लोगों के दुःख-दर्द को अपना समझते थे. अपने इन्ही गुणों के चलते ये लोग अपना सिक्का ज़माने में सफल हुए और चूँकि इनमे अधिकांश मारवाड़ से आए थे इसलिए मारवाडी कहलाये. बाद में इनलोगों ने अपने व्यापार या अन्य कार्यों में सहयोग के लिए अपने ईष्ट - मित्रों, रिश्तेदारों परिचितों को बुलाना शुरू कर दिया, जो पुरे राजस्थान या समीपवर्ती इलाकों (अब के राजस्थान, हरियाणा और मालवा आदि) के थे. आपसी समानता (गुणों और व्यव्हार में) और समन्वय के कारण ये लोग भी मारवाडी कहलाये जाने लगे. आज विश्व में ऐसे लगभग 9 करोड़ (एक अनुमान) मारवाडी हैं, जो अपने - अपने क्षेत्रों में अव्वल हैं और आज भी अपने प्रारंभिक गुणों, कर्मठता, कार्य और व्यवहार कुशलता, विपरीत परिस्थियों में भी सामान्य जीवन यापन की कला व्यापारिक निति एवं विश्वसनीयता के साथ परोपकार की भावना को अपनाए हुए हैं. ये लोग सिर्फ़ मारवाडी हैं ना की ब्राह्मण, क्षत्रिय, अग्रवाल या कुछ और, ना ही ये किसी क्षेत्र विशेष के कहे जाते हैं।
मुझे पूरी उम्मीद है की इस लेख से आपकी जिज्ञाषा शांत होगी.

(नोट - इस सन्दर्भ का एक महत्वपूर्ण शोध ग्रन्थ डॉ.श्री टी.के.टकनैत द्वारा रचित "मारवाडी समाज" है, जिसका अध्ययन करके और भी सटीक जानकारी प्राप्त की जा सकती है)
आशीष अग्रवाल
भोजुदिः बोकारो
झारखण्ड
9015564557



Bhojudih _ Ashish Agarwal
my native place niche bazar at bhojudih, i am ex student of s.e.rly mixed high school, Bhojudih, my father is a business man at Bhojudih

i have lot of friends at bhojudih,

Mr. abhay at Bhojudih, if u r at Bhojudih, ask him about me.
he is at bhojudih link road between nichabazar i.e. near the underground towards santhaldih.

Ye maine isliye banaya hai ki maine apni 20 tak ki carreer spend kya hoon but i m live in delhi...so, main kabhi bhojudih ko nahi bhul sakta.....
*ASHISH AGARWAL*SANKEY


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ok
thanks

क्या कहते हैं मंच के सितारे


ग्रह दशा - मारवाडी युवा मंच एवं श्री जीतेन्द्र गुप्ता

श्री गुप्ता वर्तमान में ऑटोमोबाइल के व्यवसाय से जुड़े हैं और उत्कल प्रदेश में बहुचर्चित हस्ती बन कर पिछले दिनों अखिल भारतीय मारवाडी युवा मंच के नवम राष्ट्रीय अधिवेशन (कारवां - 2008) में मंच के सर्वोच्च पद राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में 28 दिसम्बर 2008 को शपथ ग्रहण किये हैं। इनके ज्योतिषीय सितारे परिलक्षित कराते हैं की जिस प्रकार पूर्व के वर्षों में उत्कल प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष के रूप में इन्होने 58 शाखा से 120 के करीब शाखाओं का विस्तारीकरण कर मंच को बुलंदी प्रदान की है उसी प्रकार मंच के रजत जयंती वर्ष (20 जनवरी 2009 - 2010) में इनके नेतृत्व में मंच परिवार के पांचों स्तम्भ जनसेवा, समाज सुधार, व्यक्ति विकाश, सामाजिक सम्मान एवं आत्म सुरक्षा, राष्ट्रीय विकाश एवं एकता को एक अच्छी दिशा मिलेगी। वहीँ विशेष रूप से इस वर्ष में सामाजिक सम्मान एवं आत्म सुरक्षा और जनसेवा जैसे क्षेत्रों में अधिक कार्य होंगे, ऐसा सितारे परिलक्षित करते हैं।वहीँ इनके सितारे यह भी कहते हैं की इन्हें अपने व्यवसाय पर विशेष दृष्टि रखनी चाहिए और अपनी सफल व्यवसायी एवं समाजसेवी की प्रतिष्ठापित छवि कायम रखने हेतु नित्य हनुमान आराधना तथा प्रत्येक पूर्णिमा को चन्द्र दर्शन के बाद रात्रि में " ॐ नमो नारायणाय " के मंत्र का जाप 15 मिनट तक करना चाहिए, इससे इनके सभी कार्य सिद्ध हो सकेंगे.वैसे मंच के स्थापना दिवस 20 जनवरी 1985 और श्री जीतेन्द्र गुप्ता के राष्टीय अध्यक्ष पद पर शपथ ग्रहण दिवस 28 दिसम्बर 2008 के सितारों को देखने से यह लगता है की यह वर्ष काफी संघर्ष पूर्ण रहेगा, विभिन्न मुद्दों पर विरोधाभास के बावजूद भी ये अपनी और मंच की मजबूत छवि बनाने में वर्ष के मध्य तक सफलता की ओर बढ़ेंगे। अपने कार्यों से इनका Distinction Marks (75 %) पाना तय माना जा सकता है.


सदस्य - मारवाडी युवा मंच भोजुदिः बोकारो

मोबाइल - 9015564557


आशीष अग्रवाल
भोजुदिः बोकारो
झारखण्ड

क्या मारवाडी युवा मंच मारवाडी समाज के युवाओं की प्रतिनिधि संस्था है ...?

यदि हाँ.. तो हमें अतिरिक्त जनसेवा कार्यक्रमों की क्या आवश्यकता है...?
और यदि नहीं... तो संगठन के स्वरुप पर पुनः विचार करना चाहिए। मैं यहाँ बिनोद रिंगानिया जी और रवि अजितसरिया जी की बातों से सर्वथा सहमत हूँ, हमारे समाज के द्वारा असंगठित रूप से जितना जनसेवा कार्य किया जाता है वो शायद विश्व में अनूठा हो. पुरे भारतवर्ष में आप कही भी चले जाएँ, यदि किसी धर्मशाला में ठहरे हों, किसी प्याऊ में पानी पीने को हाथ बढाया हो, किसी ट्रस्ट की अस्पताल अथवा किसी धर्म स्थल में चले जाएँ संभव है की किसी किसी मारवाडी के द्वारा संचालित होगी, फिर यदि बिनोद रिंगानिया जी की बात मन जाये तो ७५% नेत्रदाता भी मारवाडी रहे है, इन स्थितियों में क्या और जनसेवा की आवश्यकता रह जाती है..., क्या इन कार्यक्रमों को एक संगठित रूप नहीं दिया जा सकता.. क्यों नहीं हम नेतृत्व विकास, व्यक्तित्व विकास अथवा तो समाज विकास की ओर ज्यादा ध्यान देवें. ये बात सच है की जनसेवा के कार्यक्रम हमें एक त्वरित पहचान देते हैं पर हमें कालांतर में मिलने वाले पहचान को भी ध्यान में रखना चाहिए, वो जनसेवा की पहचान तो हमें पिछली पीढियों ने ही काफी दे दी है अब हम कुछ व्यक्तित्व विकास की राह पर चलें... रवि जी के ही अनुसार हम कोई सिर्फ पानी पिलाने वाले संगठन का हिस्सा नहीं हैं, और फिर यदि लाखों करोर बजट वाली सरकार सबको पानी नहीं पिला सकती तो क्या हम...?हमें जनसेवा को साध्य नहीं साधन बनाना चाहिए. लक्ष्य अभी और ऊँचा है....
जारी....
आशीष अग्रवाल
भोजुदिः बोकारो
झारखण्ड
मोबाइल - 9015564557

मारवाडी समाज सतत प्रगतिशील है

मारवाडी समाज ने हमेशा ही सहज रूप से सामयिक चीजों को आत्मसात किया है फ़िर चाहे वो कोई नया व्यापार हो, यन्त्र हो, पद्धति हो, विचार हो या व्यवस्था हो। शायद यही अग्रसर होने की एकमात्र वजह है की वो आगे बढ़ कर परिवर्तन का स्वागत करता रहा है. ये ब्लॉग भी उसी परिवर्तन का ही एक हिस्सा है, इसने इस बात को अक्षरसः साबित किया है, इसकी सबसे बड़ी खूबी संवाद का दोतरफा होना है, इसने पुरानी मान्यता - " वक्ता श्रोता से अधिक उन्नत व लेखक पाठक से अधिक बुद्धिमान होता है" को पूर्णतया नकार दिया है, क्योंकि यहाँ तो कोई पाठक है ही नहीं, ना ही कोई वक्ता है, ये तो एक ऐसा मंच है जिसपर सब एक ही साथ बैठे हैं और सबकी कि बातें शेष सबों तक सीधे पहुँच रही हैं. धन्यवाद गूगल ऐसा प्लेटफोर्म देने लिए, धन्यवाद अजातशत्रु जी इससे अवगत करवाने के लिए. कहीं ना कहीं हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अनिल के.जाजोदिया जी भी इसके लिए बधाई के हक़दार हैं, ये उन्हीं के युवा विकाश कार्यशालाओं, ओजस्वी भाषणों (जिन लोगो ने उन्हें सुना है, वो जानते हैं कि उनका भाषण भी किसी कार्यशाला से कम नहीं होता) , नित नए कार्यक्रमों का ही प्रतिफल है ये कम्प्यूटर आधारित अतिआधुनिकविचार- विमर्श कि पद्धति. ये इस ब्लॉग का ही परिणाम है कि हमें नित नए लेखक मिल रहे हैं, पुराने लेखकों से परिचय हो रहा है, इसमें जहाँ शम्भू जी जैसे सधे हुए लेखक हैं तो अनिल वर्मा जी के जैसे युवा और उर्जा से भरपूर लेखक भी और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार श्री जीतेन्द्र गुप्ता जी से परिचय भी सभी पाठकों का यहीं हुआ है. अब ये कहना की मारवाडी समाज कम्प्यूटर या इन्टरनेट के प्रति जागरूक नहीं, 5000 से अधिक लोगों द्वारा (40 - 45 दिनों में) ब्लॉग को देखा जाना इसे गलत साबित करता है.

एक बार पुनः अजातशत्रु जी को बधाई.
आशीष अग्रवाल
भोजुदिः बोकारो
मोबाइल - 9015564557